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मुखपृष्ठ : हमारे बारे में : निदेशक : भूतपूर्व निदेशक

गत अद्यतन: 05-Aug-2021

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भूतपूर्व निदेशक

श्री पी. कुन्हीकृष्णन[अवधि : 2018-2021]

श्री पी. कुन्हीकृष्णन, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के एक विशिष्ट वैज्ञानिक हैं तथा अंतरिक्ष आयोग, भारत सरकार के सदस्य हैं।


उन्होंने 01 अगस्त, 2018 से निदेशक के रूप में यू.आर. राव उपग्रह केंद्र (यू.आर.एस.सी.), बेंगलूरु जो इसरो के सभी उपग्रहों के अभिकल्प, विकास एवं प्रापण हेतु देश का अग्रणी केंद्र है में कार्यभार ग्रहण किया। अपने कार्यकाल की अवधि के दौरान, आप संचार, नौवहन, सुदूर संवेदी, मौसम विज्ञान एवं अंतर-ग्रहीय अन्वेषण जैसे क्षेत्रों में राष्ट्र की बढ़ती हुई मांगों को पूरा करने के लिए विभिन्न प्रकार के उपग्रहों के निर्माण हेतु इसरो के उपग्रह समुदाय का नेतृत्व कर रहे हैं।



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डॉ. एम. अण्णादुरै[अवधि : 2015-2018]
डॉ. एम. अण्णादुरै, अप्रैल 01, 2015 से जुलाई 31, 2018 तक यू.आर.एस.सी. के निदेशक रहे। निदेशक, यू.आर.एस.सी. का कार्यभार संभालने के पहले वे भारतीय सूदुर संवेदन (आई.आर.एस.) तथा लघु उपग्रह प्रणाली (एस.एस.एस.) यू.आर.एस.सी. , बैंगलूरु के कार्यक्रम निदेशक रहे।
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डॉ. एस.के शिवकुमार[अवधि : 2012-2015]
स्वर्गीय डॉ. एस.के शिवकुमार ने जुलाई 2012 में यू.आर.एस.सी. के निदेशक पद का कार्यभार ग्रहण किया। डॉ.शिवकुमार अत्याधुनिक उपग्रह मिशन अभिकल्प, विकास और कार्यान्वयन के लिये कार्यरत 2500 से अधिक अभियंताओं और वैज्ञानिकों के समूह का नेतृत्व करते हैं। साथ ही साथ उन्होंने मंगल कक्षित्र मिशन (प्रथम अंतरग्रहीय मिशन) और नौसंचालन उपग्रह कार्यक्रम का भी नेतृत्व किया । वे नवंबर 2010 से जून 2012 तक इस केन्द्र के सह-निदेशक थे।
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डॉ. टी.के अलेक्स[अवधि : 2008-2012]
डॉ. टी.के अलेक्स जून 2008 से जून 2012 तक यू.आर.एस.सी. के निदेशक थे। निदेशक पद में रहते हुए उन्होंने कई सफलतम अभियान जिसमें चन्द्रयान-1, भारत का प्रथम चन्द्र अभियान को सफलतापूर्वक पूर्ण किया।
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डॉ. के एन शंकरा[अवधि : 2005-2008]
स्वर्गीय डॉ. के.एन.शंकरा, जून 2005 से मई 2008 तक केन्द्र के निदेशक रहें। इसके पूर्व, वे वर्ष 2002 से 2005 तक अंतरिक्ष उपयोग केन्द्र के निदेशक रहें। उन्होंने अपनी डॉक्टोरेट की उपाधि इलेक्ट्रिकल संचार इंजीनीयरिंग में भारतीय विज्ञान संस्थान से प्राप्त की । तत्पश्चात आपने वर्ष 1971 में अपनी कार्यकाल प्रारंभ की ।
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डॉ. पी. एस गोयल[अवधि : 1997-2005]
डॉ. पी.एस.गोयल, नवंबर 1997 से मई 2005 तक यू.आर.एस.सी. के निदेशक रहें। आर एस – 1 उपग्रह से अपना कार्यकाल शुरु करते हुए यू.आर.एस.सी. में उन्होंने कई उच्चपदों को संभाला तथा केन्द्र के सह निदेशक भी रहे। वे वर्ष 2005 से 2008 तक भू विज्ञान मंत्रालय में सचिव रहे तथा बाद में आर.ए.सी, डी.आर.डी.ओ के अध्यक्ष पद पर रहें। वर्तमान में, वे डी.आर.डी.ओ के प्रो. एम जी के मेनन, पद पर हैं तथा सम्माननीय अतिविशिष्ट इसरो प्रोफेसर हैं।
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श्री अरवामुदन[अवधि : 1994-1997]
स्वर्गीय श्री आर अरवामुदन डॉ. विक्रम साराभाई डारा प्रथम चुनेगए अभियंता थे जिन्होंने 1962 में भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में कार्यग्रहण किया। उन्हें नासा, वाशिंगटन में रॉकेटरी और भू-सहायता के प्रशिक्षण के लिए भेजा गया। तदोपरांत 1970 की शुरुआत में वे थुम्बा भू-मध्यरेखीय रॉकेट प्रमोचन स्टेशन के निदेशक बने। 1980 में वे विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केन्द्र के सह-निदेशक बने।
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डॉ. कस्तुरी रंगन[अवधि : 1990-1994]
डॉ. के कस्तूरीरंगन 1990 से 1994 तक यू.आर.एस.सी. के निदेशक पद पर रहें। अगस्त 27, 2003 को सेवा समाप्त करने का पूर्व उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के अध्यक्ष अंतरिक्ष आयोग तथा भारत सरकार अंतरिक्ष विभाग के सचिव, के रूप में नौ सालों तक भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम को शानदार ढंग से चलाया ।
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को. एन. पंत[अवधि : 1985-1990]
स्वर्गीय को. एन. पन्त 1985 से 1990 तक यू.आर.एस.सी. के निदेशक रहे। उनके समर्थ नेतृत्व में चार मुख्य उपग्रह परियोजनाएँ स्रॉस-1, आई.आर.एस.-1ए, स्रॉस-2 एवं इन्सैट-1 सी. कार्यान्वित हुई। रोहिणी उपग्रह विस्तृत श्रृंखला की प्रथम उपग्रह स्रॉस-1 को प्रथम विकसित ए.एस.एल.वी. डारा प्रमोचित किया गया। इसी प्रकार स्वेदेश में उन्नत सुदूर संवेदी उपग्रह आई.आर.एस.-1ए के अनुप्रयोग का प्रदशनि किया गया ।
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प्रो. यू.आर. राव[अवधि : 1976-1985]
स्वर्गीय प्रो. यू.आर. राव अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक प्रसिद्ध अंतरिक्ष वैज्ञानिक हैं, उन्होंने भारत में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के विकास तथा प्राकृतिक संसाधनों के क्षेत्र में संचार एवं सुदूर संवेदन के विस्तृत अनुप्रयोग के लिये मौलिक योगदान दिया । वे यू.आर.एस.सी. के प्रथम निदेशक थे। 1976 से 1984 तक केन्द्र के निदेशक के रुप में अपने कार्यकाल में, वे देश में उपग्रह प्रौद्योगिकी के विकास में अग्रणी पथ प्रदर्शक रहे।
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