मुखपृष्ठ : हमारे बारे में : निदेशक : भूतपूर्व निदेशक : डॉ. पी. एस गोयल
गत अद्यतन: 1-Apr-2015
डॉ. पी. एस गोयल | [अवधि : 1997-2005] |

डॉ. पी.एस.गोयल, नवंबर 1997 से मई 2005 तक यू.आर.एस.सी. के निदेशक रहें। आर एस – 1 उपग्रह से अपना कार्यकाल शुरु करते हुए यू.आर.एस.सी. में उन्होंने कई उच्चपदों को संभाला तथा केन्द्र के सह निदेशक भी रहे। वे वर्ष 2005 से 2008 तक भू विज्ञान मंत्रालय में सचिव रहे तथा बाद में आर.ए.सी, डी.आर.डी.ओ के अध्यक्ष पद पर रहें। वर्तमान में, वे डी.आर.डी.ओ के प्रो. एम जी के मेनन, पद पर हैं तथा सम्माननीय अतिविशिष्ट इसरो प्रोफेसर हैं।
उन्होंने जोधपुर विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रिकल इंजीनीयरिंग में बी.ई, भारतीय विज्ञान संस्थान (आई.आई.एस.सी) से अनुप्रयुक्त इलेक्ट्रॉनिकी तथा सर्वोयांत्रिकी में एम.ई तदोपरांत बेंगलूरु विश्वविद्यालय से पी.एच.डी की उपाधि प्राप्त की।
डॉ. गोयल, ने कई प्रभावशाली उपलब्धियाँ प्राप्त की है एवं उपग्रह प्रौद्योगिकी के विकास कार्य में देश तथा विदेश में मान्यता प्राप्त की। उन्होंने उपग्रह नियंत्रण प्रणाली के विकास हेतु पहल की है तथा उन्होने कई दशकों से भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम का मार्गदर्शन कर भारत को योग्य बनाया है तथा उल्लेखनीय सफलता अर्जित कर देश को ईस क्षेत्र में अग्रणी बनाया। उन्होंने चुंबकीय स्थिति नियंत्रण प्रणाली, सुदूर संवेदन हेतु मिशन योजना, संचार तथा वैज्ञानिक मिशनों के विकास हेतु महत्वपूर्ण योगदान दिया।
उन्होंने विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अपने विशिष्ट योगदान हेतु कई पुरस्कार प्राप्त किया है जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं।
- आर्यभट्ट उपग्रह के लिए विशेष उपलब्धि पुरस्कार (1975)
- प्रणाली विश्लेषण व प्रबंधन में हरि ओम आश्रम प्रेरित विक्रम साराभाई अनुसंधान पुरस्कार(1983)
- अंतरिक्षयान व संबंधित प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में भारतीय अस्ट्रोनॉटिकल सोसाइटी का पुरस्कार (1992)
- वैद्युत विज्ञान व प्रौद्योगिकी के लिए “वासविक” अनुसंधान पुरस्कार (1992)
- अंतरिक्ष व वांतरिक्ष प्रौद्योगिकी के लिए ओम प्रकाश भसिन पुरस्कार (1995)
- भारत सरकार द्वारा “पद्मश्री” (2001)
- उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा विज्ञान व प्रौद्योगिकी के विकास (2002) हेतु " विज्ञान गौरव सम्मान " ।
- भारतीय प्रणाली सोसाइटी के रामानुजम पुरस्कार (2002)
- भारतीय विज्ञान कांग्रेस संघ द्वारा उपग्रह प्रौद्योगिकियों के अभिकल्प तथा विकास हेतु जी पी चटर्जी स्मारक पुरस्कार (2003)
वे भारतीय विज्ञान अकादमी, बेंगलूरु, राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी (भारत) इलाहाबाद, इलेक्ट्रानिक व दूरसंचार इंजीनियरस संस्थापन नई दिल्ली, भारतीय अस्ट्रोनॉटिकल सोसाईटी, बेंगलूरु तथा विकासशील विश्व के विज्ञान अकादमी (टी.डब्ल्यू.ए.एस) के “फेलो” हैं। वे भारतीय इलेक्ट्रोरसायनिकी सोसाइटी, बेंगलूरु तथा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मुंबई के मानद “फेलो” हैं। वे अंतराष्ट्रीय अंतरिक्षयानिकी अकादमी, पैरिस के भी सदस्य हैं।