छात्र उपग्रह
इसरो अभियानों में भाग लेने के लिए विद्यार्थी समुदाय को एवं भावी अंतरिक्ष वैज्ञानिकों और प्रौद्योगिकीविद् के रुप में तैयार करता है । अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी को सीखने के साथ-साथ स्वदेशी अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी उप-प्रणालियों की अभिकल्पना, विकास, संविरचन, जांच के साथ-साथ विश्व बाज़ार में प्रतिस्पर्धी बनने के लिए प्रोत्साहित करता रहा है। इसरो के अंतरिक्ष कार्यक्रम के कुछ पिछले दशकों में प्रौद्योगिकी विकास के साथ-साथ अंतरिक्ष से संबंधित कार्यक्रमों में कई विश्वविद्यालयों/शैक्षिक संस्थानों ने भाग लिया है। अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में शिक्षा आरंभ करने के लिए कई संस्थानों ने रुचि दिखाई एवं तदनंतर में छात्र उपग्रहों की अभिकल्पना करने के साथ-साथ नीतभारों का विकास किया। विश्वविद्यालय में विद्यार्थी, विशेष रुप से छात्र उपग्रहों द्वारा, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी परियोजनाओं से संबंधित सभी गतिविधियों को समन्वित करने के क्रम में भारतीय सुदूर संवेदी कार्यक्रमों के रुप में लघु उपग्रहों की गतिविधियों को सरल और कारगर करने की प्रक्रिया इसरो ने स्थापित की है। कई सालों से, इसरो/यू.आर.एस.सी. ने आंतरिक/बाहय देशों के विश्वविद्यालयों एवं शैक्षणिकों की सहयोगिता से कई लघु उपग्रहों का निर्माण एवं प्रमोचन किया है। इसके विवरण निम्नानुसार है कलमसैट नीउसैट प्रथम पी.आई.सैट सत्यभामासैट स्वयं एस.आर.एम.सैट जुगनु स्टडसैट अणुसैट |
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कार्यक्रम समन्वयक,
विद्यार्थी उपग्रह परियोजनाएँ ,
यू.आर.राव उपग्रह केंद्र (जिसे पहले इसरो उपग्रह केंद्र (आईज़ेक) के नाम से जाना जाता था) /इसरो, बेंगलूरु
फोन : 080-2508 4174 (D) / 4480 (O)
ई-मेल : stu_sats[at]ursc[dot]gov[dot]in