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मुखपृष्ठ : हमारे बारे में : निदेशक : डॉ. एम अण्णादुरै

गत अद्यतन: 01-Aug-2018

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डॉ. एम अण्णादुरै

[अवधि : 2015 - 2018]

डॉ. एम. अण्णादुरै, अप्रैल 01, 2015 से जुलाई 31, 2018 तक यू.आर.एस.सी. के निदेशक रहे। निदेशक, यू.आर.एस.सी. का कार्यभार संभालने के पहले वे भारतीय सूदुर संवेदन (आई.आर.एस.) तथा लघु उपग्रह प्रणाली (एस.एस.एस.) यू.आर.एस.सी. , बैंगलूरु के कार्यक्रम निदेशक रहे।

उनका जन्म 2 जुलाई 1958 को हुआ और डॉ. एम अण्णादुरै ने गवर्नमेन्ट कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी, कोयमबत्तूर से इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार इंजीनियरिंग में स्नातक डिग्री प्राप्त की। तदुपरांत पी.एस.जी कॉलेज ऑफ टेक्नॉलॉजी, कोयमबत्तूर से अनुप्रयुक्त इलेक्ट्रॉनिक्स में स्नातकोत्तर तथा अण्णा विश्वविद्यालय से पी.एच.डी की उपाधि प्राप्त की।

1982 में इसरो में कार्यभार ग्रहण करने पर, डॉ. अण्णादुरै ने यू.आर.एस.सी. टीम लीडर के रूप में सॉफ्टवेयर उपग्रह अनुकारी का अभिकल्प व विकास करने के साथ अपना कार्यकाल शुरु किया। वर्ष 1992 – 2005 के दौरान, वे इसरो के मिशन टीम के अग्रणी सदस्य बने और मिशन निदेशक के रूप में आठ इन्सैट मिशनों को संभाला और उन्होंने उपग्रह प्रचालनों के लिए सक्षम भू स्वचालन उपलब्ध कराया। डॉ. एम अण्णादुरै ने परियोजना निदेशक के रूप में भारत का पहला चंद्र मिशन, चंद्रयान – 1 में महत्वपूर्ण योगदान दिया जिसको गरिमापूर्ण अंतरिक्ष पयोनियर पुरस्कार, 2009 सहित अनेक सम्मान तथा पुरस्कार प्राप्त हुए। वर्ष 2011 में डॉ. अण्णादुरै आई.आर.एस. व एस.एस.एस के कार्यक्रम निदेशक बने और उन्होंने पाँच उपग्रह परियोजनाओं को प्रमोचन के लिए तैयार किया। उनके अन्य प्रमुख योगदानों में रिकार्ड समय में अति प्रतिष्ठित मंगल कक्षित्र मिशन का सफलतम प्रमोचन है। डॉ. अण्णादुरै ने दो विद्यार्थी उपग्रह परियोजनाओं का भी पर्यवेक्षण किया है।

डॉ. अण्णादुरै, ने कई पुरस्कार और सम्मान प्राप्त किया है इनमें मुख्य हैं - इसरो द्वारा भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम में योगदान के लिए इसरो टीम एक्सलेन्सी पुरस्कार(2007), इसरो योग्यता पुरस्कार(2009), इसरो टीम एक्सलेन्सी पुरस्कार(2010), इसरो उत्कॄष्ट उप्लब्धि पुरस्कार(2014), एरोनॉटिकल सोसाइटी आफ इंडिया द्वारा नेशनल एरोनॉटिकल पुरस्कार – 2008, कर्नाटक सरकार द्वारा विज्ञान हेतु राज्योत्सव पुरस्कार (2008), हरि ओम आश्रम प्रेरित विक्रम साराभाई रिसर्च पुरस्कार (2004), पी.आर.एल अहमदाबाद से सी .पी.ए. आदितानार साहित्यिक पुरस्कार 2013, रामकृष्ण मिशन की ओर से विवेकानंद ह्यूमन एक्सलेन्स पुरस्कार 2014, पुरस्कार(2007), विज्ञान और तकनीक के लिए श्री चन्द्रशेखर सरस्वती राष्ट्रीय महानता पुरस्कार(2009), अमेरिकन इन्स्टीट्यूट ऑफ एरोनॉटिक्स तथा आस्ट्रोनॉटिक्स स्पेस सिस्टम पुरस्कार – 2009, बोयिंग एशिया – अमेरिका प्रोफेशनल असोसियेशन, यू.एस.ए, द्वारा सम्मान प्रमाणपत्र, चन्द्रयान -1 टीम उपलब्धि के लिए इंटरनेशनल अकादमी ऑफ ऑस्ट्रोनॉटिक्स 2013 बीजिंग द्वारा जयपत्र। पाँच विश्वविद्यालयों ने उन्हे डॉक्टर ऑफ साइन्स से प्रदत्त किया है।

डॉ. एम अण्णादुरै अन्तराष्ट्रीय अंतरिक्ष संघ और शॉक वेव अनुसंधान सोसाइटी के फैलो हैं और इंटरनेशनल लूनार नेटवर्क एनेबलिंग टेक्नोलॉजी ग्रूप के सदस्य हैं। वे भारतीय सुदूर संवेदन सोसाइटी (ISRS) बेंगलूरु चेप्टर के अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने 75 लेख लिखा है तथा 4 पी.एच.डी के लिए पर्यवेक्षक गाईड हैं। उन्होंने तीन किताबें लिखी है। डॉ. अण्णादुरै की शिक्षा, प्रारंभिक जीवन एवं इसरो में काम का उल्लेख तमिलनाडु की दसवीं कक्षा के विज्ञान पाठ्य-पुस्तक में किया गया है।

उन्हें भारत के राष्ट्रपति द्वारा विज्ञान और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में योगदान के लिए प्रतिष्ठित पुरस्कार पद्म श्री, 2016 प्रदान किया गया ।