मुखपृष्ठ : हमारे बारे में : निदेशक : श्री पी. कुन्हीकृष्णन
गत अद्यतन: 09-Jul-2021
श्री पी. कुन्हीकृष्णन | [अवधि : 2018 - 2021] |

श्री पी. कुन्हीकृष्णन, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के एक विशिष्ट वैज्ञानिक हैं तथा अंतरिक्ष आयोग, भारत सरकार के सदस्य हैं।
उन्होंने 01 अगस्त, 2018 से निदेशक के रूप में यू.आर. राव उपग्रह केंद्र (यू.आर.एस.सी.), बेंगलूरु जो इसरो के सभी उपग्रहों के अभिकल्प, विकास एवं प्रापण हेतु देश का अग्रणी केंद्र है में कार्यभार ग्रहण किया।अपने कार्यकाल की अवधि के दौरान,आप संचार, नौवहन, सुदूर संवेदी, मौसम विज्ञान एवं अंतर-ग्रहीय अन्वेषण जैसे क्षेत्रों में राष्ट्र की बढ़ती हुई मांगों को पूरा करने के लिए विभिन्न प्रकार के उपग्रहों के निर्माण हेतु इसरो के उपग्रह समुदाय का नेतृत्व कर रहे हैं।
उनके कार्यकाल के दौरान, 14 अत्याधुनिक उपग्रहों का प्रापण किया गया। इन उपग्रहों ने कक्षा में कई नए प्रौद्योगिकियों का वहन किया और प्रदर्शन भी किया। बढती हुई उपग्रहों के प्रापण हेतु विभिन्न क्षेत्रों के संवर्धन गतिविधियों पर बल किया गया तथा SPADEX, रेन्डिज्वस अनुकरण सुविधा, नई गतिकी परीक्षण सुविधा, बैटरी एवं सौर पैनल प्रयोगशालाएं, चुंबकीय परीक्षण सुविधा, वैज्ञानिक नीतभार के लिए स्वच्छ कक्ष (श्रेणी 100 एवं श्रेणी 1000), सुदूर संवेदन हेतु मिशन विश्लेषण केंद्र (MAC1 व 2), नई HMC संविरचन सुविधा, CATF सुविधा (प्रगतिपरक) इत्यादि सहित विभिन्न उच्चतर सुविधाओं का प्रापण किया गया। उनके नेतृत्व में यू.आर.एस.सी को IS0 9001 : 2015 कार्पोरेट प्रमाणन प्राप्त हुआ।, उन्होंने केंद्र के लिए अत्यंत सुंदर प्रवेश द्वार “गेट वे टू यू.आर.एस.सी” बनवाया। साथ ही कर्मचारियों के हितों से संबंधित कई सुविधाएं जैसे क्रीडा कॉम्लेक्स, देवनहल्ली अतिथि गृह का आधुनिकीकरण, आईसाइट में शिशु देखभाल गृह, आधुनिक सम्मेलन कक्ष, मल्टीपरपस कक्ष इत्यादि बनवाया। उन्होंने समानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम पर IAA-ASI अंतर्राष्ट्रीय संगोष्टी की मेजबानी में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने उपग्रह परियोजनाओं सहित केंद्र में अनुसंधान एवं विकास की पहल पर भी बल दिया।
निदेशक, यू.आर.एस.सी. के रुप में कार्यभार ग्रहण करने से पूर्व वे 01 जून 2015 से 31 जुलाई 2018 तक भारत के स्पेस पोर्ट सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, शार, श्रीहरिकोटा के निदेशक रहें। निदेशक के रुप में, उन्होंने स्पेस पोर्ट के समग्र प्रचालनों का नेतृत्व किया तथा वे हमारे देश की आवश्यकताओं को पूरा करने के साथ-साथ अन्य राष्ट्रों के वाणिज्यिक प्रमोचनों के लिए विश्वस्तरीय प्रमोचन सेवा सुविधाओं को भी उपलब्ध कराने में प्रेरक रहें। उनके सक्रिय नेतृत्व में, टीम ने व्यावसायिक रूप में विभिन्न मिशनों के बहु प्रमोचन अभियानों को कम समय में निष्पादित किया। उनकी उत्कृष्ट दूरदर्शिता एवं सतर्क योजना के कारण, विविध क्षेत्रों में शार परियोजनाएँ नामक छः प्रमुख परियोजनाओं के जरिए भविष्य के दशकों की मांगों को पूरा करने हेतु स्पेस पोर्ट को एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर के प्रमोचन मंच में परिवर्तित कर सक्षम बनाया गया। उन्होंने श्रीहरिकोटा में उपग्रह के प्रमोचन को देखने के लिए 10000 दर्शकों की सुविधा हेतु एक आधुनिक विज़िटर कॉमप्लेक्स के स्थापन की परियोजना की कल्पना व पहल की।
एस.डी.एस.सी. शार के निदेशक का कार्यभार ग्रहण करने से पूर्व, आपने 01 जून 2010 से 31 मार्च 2015 तक ध्रुवीय उपग्रह प्रमोचन यान (पी.एस.एल.वी. परियोजना) के परियोजना निदेशक के रुप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मिशन निदेशक के रूप में आपके कार्यकाल के दौरान, पी.एस.एल.वी. के श्रृंखलात्मक 13 मिशनों को सफलतापूर्वक पूरा किया गया जो इसरो की यादगार सफलताओं में सम्मिलित हैं। इनमें पी.एस.एल.वी. सी-25 द्वारा भारत के प्रतिष्ठित मंगल कक्षित्र (मंगलयान) का प्रमोचन भी शामिल है।
श्री पी. कुन्हीकृष्णन ने कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, त्रिवेंद्रम से इलेक्ट्रॉनिकी व संचार में बी.टेक. प्राप्त करने के बाद वर्ष 1986 में इसरो के विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वी.एस.एस.सी.) में कार्यभार ग्रहण किया। उन्होंने इसरो में, वी.एस.एस.सी. में परीक्षण व मूल्यांकन गुणता प्रभाग के प्रधान, पी.एस.एल.वी.-सी.12 व पी.एस.एल.वी.-सी.14 के सह परियोजना निदेशक, पी.एस.एल.वी.-सी.15 से पी.एस.एल.वी.-सी.27 के परियोजना निदेशक और यांत्रिकी, यान समाकलन तथा परीक्षण (एम.वी.आई.टी.), वी.एस.एस.सी. के उप निदेशक जैसे कई उत्तरदायी पदों पर कार्यरत रहे।
TEDx पर उनकी बातचीत यहां देखी जा सकती है https://www.youtube.com/embed/IbLNOfZcGLI
सम्मानः
विज्ञान में मानद डाक्टरेट उपाधिः- वर्ष 2021 में एल.एन.सी.टी विश्वविद्यालय, भोपाल।
- वर्ष 2019 में गीतम विश्वविद्यालय से प्राप्त की।
- वर्ष 2016 में जवाहरलाल नेहरु प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय
अंतर्राष्ट्रीय निकायों में प्रमुख पदों का उत्तरदायित्वः
- वर्ष 2018-2021 के दौरान, वे बाहय अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण उपयोग के राष्ट्रीय संघ समिति (UNCOPUOS), वियाना में वर्किंग ग्रुप ऑफ द वर्ल्ड (WGW) के अध्यक्ष रहे।
- वर्ष 2019-2021 में, अंतरिक्ष विषयवस्तु पर कार्य समूह, इसरो-डीएलआर (जर्मन) के सह-अध्यक्ष रहे।
- वर्ष 2020-2021 के दौरान, इण्डो-यू.एस सिविल अंतरिक्ष संयुक्त कार्य समूह (CSJWG) के सह-अध्यक्ष रहे।
- वे अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्षयानिकी अकादमी (IAA)के सदस्य हैं।
पुरस्कारः
- इंन्सिटट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (भारत), तमिलनाडु राज्य केन्द्र द्वारा प्रतिष्ठित इंजीनियर पुरस्कार-2020।
- वर्ष 2018 हेतु इसरो उत्कृष्टता उपलब्धि पुरस्कार।
- वर्ष 2017 में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा विज्ञान प्रतिभा सम्मान।
- वर्ष 2015 हेतु स्वदेशी शास्त्र पुरस्कार।
- वर्ष 2013 में इसरो निष्पादन उत्कृष्टता पुरस्कार।
- वर्ष 2013 में टीम उत्कृष्टता पुरस्कार ।
- पी.एस.एल.वी.-सी.25/मंगल कक्षित्र मिशन के टीम लीडर के रुप में इसरो टीम उत्कष्टता पुरस्कार-2013।
- वर्ष 2011 हेतु भारत का अंतरिक्षयानिकी सोसाइटी पुरस्कार।
- वर्ष 2010 हेतु इसरो वैयक्तिक प्रतिभा पुरस्कार।
वृत्तिक निकायों से संबंधः
- राष्ट्रीय अध्यक्ष (दिसम्बर 2014 - मार्च 2021), विज्ञान व अभियांत्रिकी की भारतीय सोसाइटी हेतु प्रणाली - आई.एस.एस.ई.।
- भारतीय राष्ट्रीय अभियंता अकादमी के फेलो - आई.एन.ए.ई.।
- ए.पी. विज्ञान अकादमी के फेलो।
- इलेक्ट्रॉनिक्स् व टेलिकॉम अभियांत्रिकी संस्थान के फेलो - आई.ई.टी.ई.।