यू.आर.राव उपग्रह केंद्र (जिसे पहले इसरो उपग्रह केंद्र (आईज़ेक) के नाम से जाना जाता था), अभिकल्प, विकास, संचार का कोडांतरण व समाकलन, नौसंचालन, सुदूर संवेदन, एवं वैज्ञानिक तथा लघु उपग्रह अभियानों के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन का एक अग्रणीय केन्द्र है।
- अभियंताओं, वैज्ञानिकों एवं तकनीशियनों की विशिष्ट टीमों के नेतृत्व में, यू.आर.एस.सी. ने दूरसंचार, दूरदर्शन प्रसारण, वीसैट सेवाएँ, दूर-चिकित्सा, दूरशिक्षा, नौसंचालन, मौसम पूर्वानुमान, आपदा चेतावनी एवं खोज तथा बचाव प्रचालन, भू-प्रेक्षण, प्राकृतिक संसाधान प्रबंधन, वैज्ञानिक एवं अंतरिक्ष विज्ञान इत्यादि जैसे क्षेत्रों में विभिन्न अनुप्रयोगों के लिए 70 से भी
अधिक जटिल तथा उन्नत उपग्रह प्रणालियों का
निर्माण किया है।
- समाज के हर क्षेत्र को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के लाभों को पहुँचाने के उद्देश्य से यू.आर.एस.सी., देश के लिए लागत प्रभावी अंतरिक्ष ढांचा सृजित करने में सक्रिय है।
यू.आर.एस.सी. का विकास:
- 1963 में थुम्बा भू-मध्यरेखीय राकेट प्रमोचन केन्द्र (TERLS) एवं 1967 में प्रायोगिक उपग्रह संचार भू-केन्द्र (ESCES) की स्थापना देश में अंतरिक्ष गतिविधियों में अपूर्व अग्रगामी है।
- उपग्रह प्रौद्योगिकी से संबंधित गतिविधियों का आरंभ सही मायने में साठ के अंत में अंतरिक्ष विज्ञान व प्रौद्योगिकी केन्द्र, त्रिवेंद्रम से उपग्रह प्रणाली प्रभाग की स्थापना के साथ हुआ।
- तढुपरांत 1972 में जब प्रथम भारतीय उपग्रह आर्यभट्ट का निर्माण करने का महत्वपुर्ण निर्णय लिया गया तब भारतीय वैज्ञानिक उपग्रह परियोजना (ESSP) को बेंगलूरु में स्थानांतरित कर दिया गया।
- प्रारंभ में पीण्या के इंडस्ट्रियल शेड में स्थानांतिरत होने तक परियोजना गतिविधियाँ भारतीय विज्ञान संस्था कैंपस् में की जाती थी।
- यहाँ पर विश्वविद्यालयों से नये निकले अनुभवहीन अभियंताओं तथा तकनीशियनों ने देश में उपग्रह प्रौद्योगिकी की नीव रखी।
- इस युवा टीम ने ढेश में विना किसी बुनियाढी सुविधा के शून्य से प्रारम्भ कर प्रथम भारतीय उपग्रह आर्यभट्ट का विकास पीन्या, बेंगलूरु के अस्थायी इंडस्ट्रियल शेड में किया
- आर्यभट्ट अभियान की सफलता के साथ, अनुभवहीन अंतरिक्ष गतिविधियाँ जल्द ही राष्ट्रीय प्राथमिकता के कारण एक भरपूर कार्यक्रम के रुप में विकसित हुई।
- इसके बाद 1976 में यू.आर.राव उपग्रह केंद्र (जिसे पहले इसरो उपग्रह केंद्र (आईज़ेक) के नाम से जाना जाता था) (URSC) आरंभ हुआ। 1984 में केन्द्र बेंगलूरु के ओल्ड एयरपोर्ट रोड, विमानपुरा में 32 एकड़ कैंपस् की ओर बढ़ा।
- विभिन्न अनुप्रयोगों के लिए उपग्रहों की बढ़ती हुई मांग को पूरा करने हेतु 2006 में 110 एकड़ कैंपस् में इसरो उपग्रह समाकलन व परीक्षण संस्थापन (ISITE) की स्थापना की गई जो वर्तमान कैंपस् से 8 कि.मी. की दूरी पर स्थित है।
- ISITE में संचार उपग्रहों का कोडांतरण, समाकलन एवं परीक्षण करने के लिए एक ही छत के नीचे एक बड़ा स्वच्छ कक्ष तथा अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिकी संविरचन एवं परीक्षण सुविधाएँ है।
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