
23 अगस्त 2025 को चंद्र सतह पर विक्रम लैंडर के सफल मृदु अवतरण और प्रज्ञान रोवर की तैनाती के साथ चंद्रयान-3 मिशन की सफलता को अविस्मरणीय बनाने के लिए भारत सरकार ने 23 अगस्त को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के रूप में घोषित किया। भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के इतिहास में इस विशिष्ट दिन को यादगार बनाने के लिए अंतरिक्ष विभाग ने इसरो के सभी केंद्रों, इन-स्पेस और एन एस आई एल में विभिन्न समितियों का गठन कर देश भर में समारोह के आयोजन की योजना बनाई।
यू आर राव उपग्रह केंद्र को इस्ट्रैक, एम सी एफ, लियोस, एल पी एस सी-बेंगलूरु तथा एन एस आई एल के साथ मिलकर कर्नाटक, गोवा, बिहार एवं उत्तर प्रदेश राज्यों में जोन-4 के कार्यक्रमों के संचालन की महत्त्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई। श्री जसविंदर सिंह खोरल, कार्यक्रम निदेशक, अंतरिक्ष एवं विज्ञान अन्वेषण कार्यक्रम कार्यालय, यू आर एस सी के नेतृत्व में गठित समिति ने कार्यक्रम के संचालन हेतु संस्थानों के साथ सक्रिय सहभागिता के लिए विभिन्न उप-समितियों और कार्यकारी समूहों का गठन किया।
एम सी एफ और ज़ोन-4 समिति द्वारा राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, गोवा में आयोजित कार्यक्रम
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, गोवा में कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री पंकज किल्लेदार, निदेशक, एम सी एफ द्वारा प्रो. ओ. आर. जायसवाल, निदेशक, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, गोवा की मुख्य अतिथि के रूप में सम्माननीय उपस्थिति में की गई। प्रो. जायसवाल ने चंद्रयान-3 के चन्द्र-सतह पर सफल अवतरण पर इसरो टीम को बधाई दी और इसरो के साथ विश्वविद्यालयों के समन्वय पर बल दिया।
श्री पंकज किल्लेदार एवं श्री जसविंदर सिंह खोरल द्वारा भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम पर तकनीकी व्याख्यान और अंतर्दृष्टि प्रस्तुत की गईं। कार्यक्रम में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, गोवा के छात्रों और अन्य गणमान्य अतिथियों द्वारा बड़ी संख्या में उपस्थिति दर्ज की गई।
इस्ट्रैक, एल पी एस सी-बेंगलूरु और ज़ोन-04 समिति द्वारा कर्नाटक राज्य मुक्त विश्वविद्यालय में कार्यक्रम
प्रो. शरणप्पा वी. हल्से, कुलपति, कर्नाटक राज्य मुक्त विश्वविद्यालय तथा प्रो. एन. के. लोकनाथ, कुलपति, मैसूर विश्वविद्यालय ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। कार्यक्रम में इसरो के वरिष्ठ प्रतिनिधियों द्वारा चार तकनीकी व्याख्यान प्रस्तुत किए गए।
1. श्री राघवेंद्र एम. आर., उपनिदेशक, इस्ट्रैक द्वारा ‘इसरो ः आर्यभट्ट से गगनयान तक’ पर व्याख्यान,
2. श्रीमती नंदिनी हरिनाथ द्वारा चंद्रयान-3 पर व्याख्यान,
3. श्रीमती नागलक्ष्मी ए. एम., परियोजना निदेशक, यू आर एस सी द्वारा उपग्रहों पर व्याख्यान और
5. श्री शिवप्रकाश, महाप्रबंधक, एल पी एस सी-बेंगलूरु द्वारा प्रमोचन यानों के सिंहावलोकन एवं विकास पर व्याख्यान।
यू आर एस सी, लियोस और ज़ोन-4 समिति द्वारा बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी में संचालित कार्यक्रम
बी एच यू के नाम से विख्यात ऐतिहासिक बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में आयोजित यह कार्यक्रम प्रो. अजीत कुमार चतुर्वेदी, कुलपति, बी एच यू द्वारा सुशोभित हुआ। इसरो के गणमान्य व्यक्तियों एवं आमंत्रित विशेषज्ञों द्वारा अंतरिक्ष विज्ञान के विविध पहलुओं पर व्याख्यान दिए गए। श्री दिनेश कुमार सिंह, निदेशक, समानव अंतरिक्ष उड़ान केंद्र ने भारत के समानव अंतरिक्ष कार्यक्रम–गगनयान पर विशेष व्याख्यान प्रस्तुत किया, जिसे श्रोताओं ने बेहद सराहा।

बी एच यू के नाम से विख्यात ऐतिहासिक बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में आयोजित यह कार्यक्रम प्रो. अजीत कुमार चतुर्वेदी, कुलपति, बी एच यू द्वारा सुशोभित हुआ। इसरो के गणमान्य व्यक्तियों एवं आमंत्रित विशेषज्ञों द्वारा अंतरिक्ष विज्ञान के विविध पहलुओं पर व्याख्यान दिए गए। श्री दिनेश कुमार सिंह, निदेशक, समानव अंतरिक्ष उड़ान केंद्र ने भारत के समानव अंतरिक्ष कार्यक्रम–गगनयान पर विशेष व्याख्यान प्रस्तुत किया, जिसे श्रोताओं ने बेहद सराहा।
एन एस आई एल और ज़ोन-4 समिति द्वारा महिला महाविद्यालय, पटना में कार्यक्रम
महिला महाविद्यालय, पटना में आयोजित यह कार्यक्रम मुख्य अतिथियों; डॉ. सिस्टर एम. रश्मि ए सी तथा प्रो. सिद्धार्थ सिंह, कुलपति, नव नालंदा महावीर विश्वविद्यालय की उपस्थिति में सुशोभित हुआ। श्री अरुणाचलम, निदेशक, एन एस आई एल एवं श्री शांतनु भटवाडेकर, पूर्व वैज्ञानिक सचिव, इसरो द्वारा तकनीकी व्याख्यान प्रस्तुत किए गए। छात्राओं के लिए श्री जसविंदर सिंह खोरल द्वारा एक विशेष व्याख्यान दिया गया।
आयोजन समितियों द्वारा ज़ोन-4 के सभी कार्यक्रमों के दौरान वैज्ञानिकों के साथ संवाद, अंतरिक्ष प्रश्नोत्तरी, आशुभाषण, पोस्टर प्रस्तुति एवं मॉडल प्रदर्शन-जैसी गतिविधियाँ आयोजित की गईं। छात्र समुदाय ने जीवंत सांस्कृतिक भारत की विविधता को प्रदर्शित करते हुए सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। ज़ोन-4 के राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस 2025 के ये आयोजन आने वाले वर्षों तक अविस्मरणीय रहेंगे।
केंद्रों में समापन कार्यक्रम
इस आयोजन की शानदार सफलता में परिणति के साथ विभिन्न केंद्रों ने अपने-अपने समापन समारोह आयोजित किए।
यू आर एस सी ने अपना समापन समारोह 14 अगस्त 2025 को प्रो. सतीश धवन सभागार में आयोजित किया।
इस अवसर पर श्री एम. शंकरन, निदेशक, यू आर एस सी तथा श्रीमती अंजलि एलिस शंकर, नियंत्रक, यू आर एस सी ने मुख्य अतिथि के रूप में समारोह की शोभा बढ़ाई।
दोनों ने ही युवाओं को राष्ट्र की भावी तस्वीर और आकांक्षाओं एवं समर्पण व जुनून के साथ लक्ष्यों को पाने की प्रेरणा दी।
डॉ. रमणगौड़ा वी. नाडगौड़ा, सह-निदेशक (परियोजना), यू आर एस सी और श्रीमती रामलक्ष्मी एन., सह-निदेशक (अनुसंधान एवं विकास), यू आर एस सी ने क्रमशः
वैज्ञानिक दृष्टिकोण के विकास का समाज पर प्रभाव तथा उपग्रह निर्माण हेतु अनुसंधान एवं विकास की प्रगति विषयों पर आमंत्रित व्याख्यान प्रस्तुत किए।
कर्नाटक के विभिन्न क्षेत्रों से बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं ने इस कार्यक्रम में भाग लिया।
समिति डॉ. वी. नारायणन, सचिव, अंतरिक्ष विभाग/ अध्यक्ष, इसरो, श्री एम. शंकरन, निदेशक, यू आर एस सी, श्रीमती अंजलि एलिस शंकर, नियंत्रक, यू आर एस सी तथा सभी केंद्र निदेशकों एवं वरिष्ठ अधिकारियों के प्रति सतत सहयोग के लिए ससम्मान आभार व्यक्त करती है। साथ ही, समिति सभी सदस्यों, सहयोगी कर्मचारियों, विद्यार्थियों और उन सभी का आभार प्रकट किया जिन्होंने राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस 2025 (ण्Sप्ढ्-2025) की सफल यात्रा में योगदान दिया।
अंतरिक्ष एक रोचक और रहस्यों से पूर्ण यात्रा है। यह यात्रा ज्ञात-अज्ञात की खोज की दिशा में है।
नई पीढ़ी अंतरिक्ष विभाग के योगदान से प्रेरणा ले सकती है और विकसित भारत के स्वप्न को साकार करने हेतु प्रयास कर सकती है।